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Rahu Mantra Jaap and Yagna

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राहु मंत्र जाप के लाभ

राहु मंत्र जप करने के कई लाभ होते हैं, विशेषकर ज्योतिष और हिंदू धर्म के अनुसार। राहु मंत्र, विशेष रूप से “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” का जप करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

1. नकारात्मक प्रभाव कम करना: राहु को अशुभ ग्रह माना जाता है और इसकी प्रभाव से कई समस्याएँ आ सकती हैं। राहु मंत्र का जप करने से इन नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

2. चिंता और तनाव कम करना: मंत्रों का उच्चारण मन को शांति प्रदान कर सकता है, जिससे चिंता और तनाव कम होता है।

3. मानसिक स्पष्टता में सुधार: राहु भ्रम और मायाजाल से जुड़ा होता है। राहु मंत्र का जप करने से मानसिक स्पष्टता में सुधार हो सकता है।

4. ध्यान और एकाग्रता बढ़ाना: नियमित जप से ध्यान और एकाग्रता बढ़ सकती है, जो व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में लाभकारी हो सकती है।

5. छिपे हुए शत्रुओं से सुरक्षा: राहु छिपे हुए शत्रुओं और धोखे से जुड़ा होता है। राहु मंत्र का जप करने से इन नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिल सकती है।

6. आर्थिक स्थिरता: राहु अचानक लाभ और हानि से जुड़ा होता है। मंत्र का जप कराने से आर्थिक स्थिति में स्थिरता आ सकती है और समृद्धि प्राप्त हो सकती है।

7. स्वास्थ्य लाभ: राहु की अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। राहु मंत्र का जप कराने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती है।

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Rahu Mantra Jaap and Yagna

Rahu Mantra Jaap

 

Chanting the Rahu Mantra, specifically the “Om Bhram Bhreem Bhroum Sah Rahave Namah,” is believed to have several benefits according to Vedic astrology and Hindu beliefs. Here are some potential benefits of performing Rahu Mantra Jaap:

1. Mitigating Negative Effects: Rahu is considered a malefic planet, and its influence can bring about challenges and obstacles. Chanting the Rahu Mantra is thought to mitigate these negative effects.

2. Reducing Anxiety and Stress: The vibrations from chanting mantras can help in calming the mind, thereby reducing anxiety and stress.

3. Improving Mental Clarity: Rahu is associated with confusion and illusion. Chanting the Rahu Mantra is believed to help clear mental fog and improve clarity.

4. Enhancing Focus and Concentration: Regular chanting can improve concentration and focus, which can be beneficial in both personal and professional life.

5. Protection from Hidden Enemies: Rahu is linked with hidden enemies and deceit. Chanting the Rahu Mantra is said to offer protection from such negative influences.

6. Financial Stability: Rahu is also associated with sudden gains and losses. Chanting the mantra can help in stabilizing financial conditions and bringing about prosperity.

7. Health Benefits: Rahu’s influence can affect health adversely. Chanting the Rahu Mantra is believed to help alleviate health issues related to Rahu’s malefic effects.

1. Spiritual Growth: Chanting the Rahu Mantra can aid in spiritual growth by helping individuals overcome karmic influences and past life issues associated with Rahu.

2. Overcoming Addiction: Rahu is often linked with addiction and compulsive behaviors. Chanting the Rahu Mantra can help individuals gain control over such tendencies and promote healthier habits.

3. Increase in intuition: It is believed that chanting Rahu mantra from a qualified Acharya increases the intuitive power of a person, thereby improving decision making ability and foresight.

4. Balancing Karmic Debts: Rahu’s influence is often connected to unresolved karmic debts. Chanting the Rahu Mantra can help in balancing these debts and easing the path of karma.

5. Promoting Fame and Recognition: For those seeking fame and recognition, especially in unusual or unconventional fields, chanting the Rahu Mantra can help in achieving these goals.

6. Improving Relationships: Rahu’s malefic influence can cause misunderstandings and conflicts in relationships. Chanting the mantra can help in improving interpersonal relationships and promoting harmony.

7. Boosting Confidence: Regular practice of chanting the Rahu Mantra can boost self-confidence and courage, helping individuals face challenges with a positive mindset.

Chanting Guidelines

1. Number of Chants: Traditionally Acharya Pandit ji chants 18000 Mantra using a rosary (mala) of 108 beads.

2. Time: The best time to chant Rahu Mantra is Rahu Kaal, or one should start chanting the mantra on any Shivvas tithi. And on the day the chanting is completed, one should perform havan after looking at Agnivas. Chanting with this rule definitely gives benefits.

3. Place: Choose a quiet and clean place for chanting. Facing the north-west direction associated with Rahu is considered beneficial. And if chanting is done in a Shiva temple, it is beneficial. For more benefits, chanting in a Shiva temple on the banks of the river Ganga gives quick results.

4. Mindset : Chanting should be done by a qualified Acharya only, the day on which the chanting starts, there should be Sarvartha Siddhi Yoga or Shivavas, due to which you will start getting proper results and benefits soon.

5. Consistency: To experience the benefits of Rahu Mantra, it should be chanted by a qualified Acharya who follows the rules of the ritual. Chant with Vedic Mantra, Beej Mantra and Tantric Mantra. The number of chanting of Rahu planet is 18000. This ritual is completed in 1 day, 3 days or 5 days.

6. Offering: Lighting a lamp, offering flowers and incense sticks, offering black cloth, black urad dal and rice should be created which can create a favorable atmosphere for chanting.

BOOK SHIV PARTHIV SHIVLING PUJA 

Rahu Mantra Jaap

Rahu Mantra in English

Additional Mantras for Rahu

Apart from “Om Bhram Bhreem Bhroum Sah Rahave Namah,” other mantras can also be chanted to appease Rahu:

1. Beej Mantra: “Om Raam Rahave Namah” – This is the seed (beej) mantra of Rahu, focusing on its core energy.

2. Gayatri Mantra for Rahu:

Om Nagadhwajaaya Vidmahe Padma Hastaya Dheemahi Tanno Rahu Prachodayat

Incorporating these practices and guidelines into your routine can help you harness the positive energy of Rahu and minimize its adverse effects.

राहु मंत्र जाप के लाभ

राहु मंत्र जप करने के कई लाभ होते हैं, विशेषकर ज्योतिष और हिंदू धर्म के अनुसार। राहु मंत्र, विशेष रूप से “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” का जप करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

1. नकारात्मक प्रभाव कम करना: राहु को अशुभ ग्रह माना जाता है और इसकी प्रभाव से कई समस्याएँ आ सकती हैं। राहु मंत्र का जप करने से इन नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

2. चिंता और तनाव कम करना: मंत्रों का उच्चारण मन को शांति प्रदान कर सकता है, जिससे चिंता और तनाव कम होता है।

3. मानसिक स्पष्टता में सुधार: राहु भ्रम और मायाजाल से जुड़ा होता है। राहु मंत्र का जप करने से मानसिक स्पष्टता में सुधार हो सकता है।

4. ध्यान और एकाग्रता बढ़ाना: नियमित जप से ध्यान और एकाग्रता बढ़ सकती है, जो व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में लाभकारी हो सकती है।

5. छिपे हुए शत्रुओं से सुरक्षा: राहु छिपे हुए शत्रुओं और धोखे से जुड़ा होता है। राहु मंत्र का जप करने से इन नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिल सकती है।

6. आर्थिक स्थिरता: राहु अचानक लाभ और हानि से जुड़ा होता है। मंत्र का जप कराने से आर्थिक स्थिति में स्थिरता आ सकती है और समृद्धि प्राप्त हो सकती है।

7. स्वास्थ्य लाभ: राहु की अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। राहु मंत्र का जप कराने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती है।

Rahu Mantra Jaap

नवग्रह स्त्रोत्र लिरिक्स संस्कृत

जप के दिशानिर्देश

1. जप की संख्या: पारंपरिक रूप से, राहु मंत्र को किसी योग्य आचार्य से 18000 जप कराने की सलाह दी जाती है। माला (जिसमें 108 मनके होते हैं) का उपयोग करके गणना करना लाभकारी होता है।

2. समय: राहु मंत्र का जप करने का सर्वोत्तम समय राहु काल होता है, और किसी शुभ तिथि या शिववास को प्रारंभ कराना चाहिये।
3. स्थान: जप के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें। शिव मंदिर में जप कराने से लाभ मिलता है।अगर गंगा तट पर शिव मंदिर में जप कराया जाए तो शीघ्र लाभ मिलता है राहु से संबंधित दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर मुख करके जप करना लाभकारी होता है।

4. मनस्थिति: जप योग्य आचार्य से कराने से शीघ्र लाभ मिलता है ,जो प्रतिदिन नियमित जाप को 1 दिन या 3 दिन या 5 दिन में सम्पन्न कर सकते हैं और हवन के पश्चात अनुष्ठान पूर्ण होता है

5. नियमितता: राहु मंत्र जाप की जप संख्या 18000 है, अगर 72000 जप कराया जाए तो शीघ्र लाभ प्राप्त होता है।

6. अर्पण: राहु को दीपक जलाना, फूल चढ़ाना काला कपड़ा और नारियल और धूप का उपयोग करना जप के लिए अनुकूल वातावरण बना सकता है।

राहु के लिए कौन सा मंत्र जाप करना है ?

राहुमन्त्रॐ कयानश्चित्रऽआभुवदूती सदा वृधः सखा । कया शचिष्ठया वृता ।।

राहुगायत्री – ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ।

राहु ग्रह का बीज मंत्र क्या है?

एकाक्षरी बीजमन्त्र – ॐ रां राहवे नमः ॥

तान्त्रिकमन्त्र – ॐ भ्रां श्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ।॥

जपसंख्या – १८००० अष्टादशसहस्त्राणि

महाशीर्षो महावक्त्रो महाद्र्ष्टो महायशाः ।

अतनुश्चोर्ध्व केशश्च पीड़ां दहतु मे तमः ॥

Rahu Mantra Jaap

Rahu Mantra in Hindi

राहु के कितने जप होते हैं?

“ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” के अलावा, अन्य मंत्र भी राहु को शांत करने के लिए जप किए जा सकते हैं:

1. बीज मंत्र: “ॐ रां राहवे नमः” – यह राहु का बीज (मूल) मंत्र है, जो इसकी मूल ऊर्जा पर केंद्रित होता है।

2. राहु गायत्री मंत्र:

ॐ नागध्वजाय विद्महे पद्म हस्ताय धीमहि तन्नो राहु प्रचोदयात्

इन प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आप राहु की सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त कर सकते हैं और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।

Additional information

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Economy : ( 1 Pandit Ji + All Puja Samagries 1 Day 18000 Beej Mantra Jaap ), Standard : ( 2 Pandit Ji + All Puja Samagries 2 Day 18000 Tantrik Mantra Jaap ), Premium : ( 3 Pandit Ji + All Puja Samagries 3 Day 72000 Vedic Mantra Jaap )

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