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केतु मंत्र जाप के लाभ

1. स्वास्थ्य में सुधार: केतु मंत्र जाप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। यह मंत्र जाप मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है।
2. विपरीत परिस्थितियों में सहनशीलता: यह जाप कठिन परिस्थितियों में धैर्य और सहनशीलता बनाए रखने में मदद करता है।
3. पारिवारिक जीवन में सुख-शांति: केतु मंत्र जाप से पारिवारिक जीवन में सुख-शांति और सामंजस्य बढ़ता है।
4. करियर और शिक्षा में उन्नति: केतु मंत्र जाप से करियर और शिक्षा में सफलता मिल सकती है। यह विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
5. गुप्त ज्ञान की प्राप्ति: केतु मंत्र जाप से गुप्त और रहस्यमयी ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।
6. विपरीत ग्रहों के प्रभाव को कम करना: यह जाप विपरीत ग्रहों के प्रभाव को कम करने और कुंडली के दोषों को दूर करने में सहायक होता है।
7. कर्मों का शुद्धिकरण: केतु मंत्र जाप से पूर्वजन्मों के कर्मों का शुद्धिकरण होता है, जिससे जीवन में शांति और संतुलन आता है।
8. आध्यात्मिक जागरूकता: केतु मंत्र जाप से व्यक्ति में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है और वह अपने जीवन के उद्देश्य को समझ पाता है।

केतु मंत्र जाप के लाभ – जैसे:

1. ध्यान और मानसिक शांति: केतु मंत्र जाप करने से ध्यान की गहराई बढ़ती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
2. आध्यात्मिक विकास: केतु मंत्र जाप से आध्यात्मिक विकास होता है और आत्म-साक्षात्कार में सहायता मिलती है।
3. नेगेटिव एनर्जी से मुक्ति: केतु मंत्र जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नज़र से मुक्ति मिलती है।
4. राहु-केतु दोष निवारण: केतु मंत्र का जाप राहु-केतु दोषों के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।
5. आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि: केतु मंत्र जाप से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
6. संतुलन और स्थिरता: यह जीवन में संतुलन और स्थिरता लाने में सहायक होता है।

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In Vedic astrology, Ketu Jaap (chanting the mantra for the planet Ketu) is typically recommended during specific times to mitigate the negative effects of Ketu in one’s horoscope. Here are a few general guidelines for when to start Ketu Jaap:

1. Muhurta (Auspicious Time): It is best to start Ketu Jaap during an auspicious time (muhurta). Consulting an astrologer can help determine the most favorable time based on your horoscope.

2. Ketu-ruled Days: Starting Ketu Jaap on days associated with Ketu, such as Tuesday or Thursday, can be beneficial.

3. Transits and Dasha: If you are undergoing a Ketu Mahadasha (major period) or Antardasha (sub-period) in your horoscope, or if Ketu is transiting through a significant house, starting the Jaap can be particularly helpful.

4. Eclipses: Some traditions suggest starting or performing Ketu Jaap during solar or lunar eclipses, as these are considered powerful times for spiritual practices.

5. Personal Need: If you are experiencing challenges related to areas governed by Ketu, such as spirituality, detachment, or sudden changes, starting the Jaap can help alleviate these issues.

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Which mantra is for ketu?

1. Ketu Mantra: – A commonly used Ketu Mantra is: “Om Ketave Namah” or Om Shrama Shreema Shrama Sah Ketave Namah.”

Ketu vedic mantra:- Om Ketun Krivann Ketve Pesho maryyaapeshse samushadbhirjayatha.

Ketu Gayatri – Om Padmaputraya Vidmahe Amriteshay Dhimahi Tannoh Ketuh Prachodayat.

Single Beej Mantra – Om Kem Ketve Namah.

Tantric MantraOm Straun Straun Straun Sah Ketve Namah.

Chant number – 17000 Saptadashashastrani.

2. Duration: – The number of Ketu  Jap is 17000. The number of Jap can be completed in 1 day 3 days or 5 days.

Which day to start Ketu mantra?

1. Astrological Consultation: – Personal Horoscope: An astrologer can provide specific dates and times based on your birth chart. They will consider the position of Ketu in your horoscope and any current transits affecting it.

– Muhurat: A favorable muhurat (auspicious moment) is essential. This ensures that the energy is favorable for spiritual practice.

2. Tithi (Lunar Day): – Specific dates such as Krishna Paksha Chaturthi (fourth day of the waning moon) are considered auspicious to start Ketu Jaap.

3. Nakshatra:– Starting Ketu Jaap during specific Nakshatras (moon signs) such as Ashvini, Magha or Moola, which are ruled by Ketu, can enhance the benefits.

4. Days of the Week: – As mentioned, Tuesdays and Thursdays are favorable days for Ketu Jaap.

Preparation for Ketu Jap

1. Purification: Body and mind: It is beneficial to get the Jap done by a qualified Acharya. Before Jap, Ganesh Puja, Varun Puja, Navgrah Puja and Sankalp are taken. In which the name and gotra of the Yajaman will be pronounced. After Jap, Havan is also done.

– Environment: For Jap, chanting on the banks of Ganga gives auspicious results. Chanting in a Shiva temple on the banks of Ganga can provide more benefits.

2. Materials:

– Mala: Rudraksha Mala with 108 beads should be used to keep count of the mantras.

– Prasad: Incense, flowers and a lamp or candle can be offered to the picture or idol of the respective deity like Ketu or Ganesha.

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Ketu Graha Shanti Mantra Jaap Chanting

1. Ketu Mantra:

– A commonly used Ketu Mantra is: “Om Ketave Namah” or “Om Shrama Shreema Shrama Sah Ketave Namah.”

2. Duration:

– The number of Ketu Jap is 17000. The number of Jap can be completed in 1 day 3 days or 5 days.

Daily Routine

1. Consistency:

– The mantra should be chanted at the same time every day to form a routine.

2. Meditation:

– Maintain focus and devotion during the chanting. Visualize the energy of Ketu harmonizing with your energy.

Additional Practices

1. Fasting:

– Fasting on Tuesdays or specific dates related to Ketu can enhance the effect of the Jap.

2. Daan:

– Donating to causes related to Ketu (e.g., helping people with skin diseases, supporting spiritual or religious activities) can generate positive karma. Black sesame seeds, black cloth, oil, black urad dal can reduce the ill-effects of Ketu.

3. Meditation:

– Focusing on Ketu or the chakras associated with it (such as the Ajna chakra) can deepen the practice.

 After Completion

1. Offering:

– After completing the ritual period or the prescribed duration of chanting, express your gratitude to Ketu with additional prayers and offerings.

2. Maintaining the Benefits:

– The mantra should be chanted periodically to sustain the benefits and maintain a connection with the positive energies of Ketu.

By following these detailed guidelines, you can effectively avail the spiritual and astrological benefits of Ketu Jap.

केतु मंत्र जाप के लाभ

1. ध्यान और मानसिक शांति: केतु मंत्र जाप करने से ध्यान की गहराई बढ़ती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
2. आध्यात्मिक विकास: केतु मंत्र जाप से आध्यात्मिक विकास होता है और आत्म-साक्षात्कार में सहायता मिलती है।
3. नेगेटिव एनर्जी से मुक्ति: केतु मंत्र जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नज़र से मुक्ति मिलती है।
4. राहु-केतु दोष निवारण: केतु मंत्र का जाप राहु-केतु दोषों के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।
5. आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि: केतु मंत्र जाप से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
6. संतुलन और स्थिरता: यह जीवन में संतुलन और स्थिरता लाने में सहायक होता है।

7. स्वास्थ्य में सुधार: केतु मंत्र जाप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। यह मंत्र जाप मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है।
8. विपरीत परिस्थितियों में सहनशीलता: यह जाप कठिन परिस्थितियों में धैर्य और सहनशीलता बनाए रखने में मदद करता है।
9. पारिवारिक जीवन में सुख-शांति: केतु मंत्र जाप से पारिवारिक जीवन में सुख-शांति और सामंजस्य बढ़ता है।
10. करियर और शिक्षा में उन्नति: केतु मंत्र जाप से करियर और शिक्षा में सफलता मिल सकती है। यह विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
11. गुप्त ज्ञान की प्राप्ति: केतु मंत्र जाप से गुप्त और रहस्यमयी ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।
12. विपरीत ग्रहों के प्रभाव को कम करना: यह जाप विपरीत ग्रहों के प्रभाव को कम करने और कुंडली के दोषों को दूर करने में सहायक होता है।
13. कर्मों का शुद्धिकरण: केतु मंत्र जाप से पूर्वजन्मों के कर्मों का शुद्धिकरण होता है, जिससे जीवन में शांति और संतुलन आता है।
14. आध्यात्मिक जागरूकता: केतु मंत्र जाप से व्यक्ति में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है और वह अपने जीवन के उद्देश्य को समझ पाता है।

केतु का जाप कब करना चाहिए

केतु का जाप ज्यादातर केतु ग्रह के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए किया जाता है। इसे करने का उपयुक्त समय निम्नलिखित हो सकता है:

1. केतु ग्रह के लिए विशेष दिन: मंगलवार और शनिवार।
2. केतु की दशा या अंतरदशा में: जब केतु की महादशा या अंतरदशा चल रही हो।
3. राहु-केतु के विशेष योग: जैसे राहु-केतु की युति या उनकी दृष्टि से प्रभावित समय।
4. चंद्र ग्रहण: चंद्र ग्रहण के समय भी केतु का जाप किया जा सकता है।
5. विशेष पूजा या हवन: जब केतु से संबंधित विशेष पूजा या हवन हो रहा हो।

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  • जाप का समय रात्रिकाल सबसे उत्तम माना जाता है। इस समय केतु के मंत्रों का जाप करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।
केतु का मंत्र कौन सा है

1. सही मंत्र का चयन: केतु के लिए “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का जाप बहुत प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा केतु के बीज मंत्र का भी जाप किया जा सकता है।

2. संकल्प: जाप शुरू करने से पहले एक संकल्प लेंगे जिसमें अपनी मनोकामना पूर्ण हो । आचार्य आपका नाम और गोत्र उच्चारण करके संकल्प लेकर जप प्रारम्भ करेंगे ,जप पूर्ण होने पर हवन होगा

3. साफ-सुथरा स्थान: केतु गृह का जप रात्रिकाल उत्तम माना जाता है ,अगर गंगा तट पर जप किया जाये तो अधिक लाभ प्राप्त होता है , जप की संख्या १७००० है , जो कि आचार्य जी १ दिन ३ दिन ५ में अनुष्ठान पूर्ण किया जा सकता है

4. आसन का प्रयोग: जाप करते समय कुश या ऊन के आसन का प्रयोग करें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

5. एकाग्रता: जाप करते समय मन को एकाग्र रखना चाहिए । जप करते समय गणेश भगवान या शिव के सम्मुख करना चाहिए जिससे ध्यान नहीं भटकेगा

6. गणना: सामान्यत: जाप की संख्या 108, 1008 या अधिक होनी चाहिए। जाप माला का प्रयोग कर सकते हैं जिससे संख्या का सही अंदाज लगे।

7. दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जाप करना अधिक लाभदायक माना जाता है।

केतु का जाप विशेषतः उन लोगों के लिए लाभदायक होता है जो अचानक समस्याओं, दुर्घटनाओं, मानसिक तनाव, और रहस्यमय बीमारियों से परेशान रहते हैं। नियमित रूप से और सही विधि से किया गया केतु का जाप जीवन में शांति, संतुलन और सकारात्मकता लाता है।

केतु को खुश करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

1. उपवास: मंगलवार और शनिवार को उपवास रखें।
2. दान: काले तिल, कंबल, और सरसों का तेल दान करें।
3. मंत्र जाप: “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का जाप करें।
4. पूजा: भगवान गणेश की पूजा करें क्योंकि केतु उन्हें प्रिय माने जाते हैं।
5. राहु-केतु शांति यंत्र: राहु-केतु शांति यंत्र धारण करें।
6. पारद शिवलिंग: पारद शिवलिंग की पूजा करें और नियमित अभिषेक करें।
7. हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की पूजा और बजरंग बाण का पाठ करें।

ये उपाय करने से केतु की कृपा प्राप्त हो सकती है और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।

केतु का मंत्र कौन सा है

केतुमन्त्रः- ॐ केतुं कृण्वन्न केतवे पेशो मर्य्याअपेशसे समुषद्भिरजायथाः ।

केतु गायत्री – ॐ पद्मपुत्राय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नोः केतुः प्रचोदयात् ।।

एकाक्षरी बीजमन्त्र – ॐ कें केतवे नमः ।

तान्त्रिक मन्त्र – ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः ।

जपसंख्या – १७००० सप्तदशसहस्त्राणि ।

अनेकरूपवर्णश्च शतशोऽथ सहस्त्रशः ।

उत्पात रूपी घोरश्च पीड़ा दहतु मे शिखी ॥

Additional information

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Economy : ( 1 Pandit Ji + All Puja Samagries 1 Day 17000 Beej Mantra Jaap ), Standard : ( 2 Pandit Ji + All Puja Samagries 2 Day 17000 Tantrik Mantra Jaap ), Premium : ( 3 Pandit Ji + All Puja Samagries 3 Day 68000 Vedic Mantra Jaap )

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