🌟 Gand Mool Nakshatra Puja – Neutralize Planetary Doshas & Attain Peaceful Life
🕉️ About Gand Mool Nakshatra
In Vedic astrology, Gand Mool Nakshatra refers to six special constellations — Ashwini, Ashlesha, Magha, Jyeshtha, Moola, and Revati — ruled by Mercury and Ketu. When a child is born under any of these Nakshatras, it is believed to carry certain karmic challenges or planetary imbalances that may affect the child’s well-being and family harmony. Performing Gand Mool Nakshatra Shanti Puja helps pacify these cosmic influences and ensures a prosperous and healthy future.
🔮 Purpose of Gand Mool Nakshatra Puja
This sacred ritual is performed to reduce the malefic effects of birth under Gand Mool Nakshatras. The puja brings stability, protection from negative energies, and blessings from ruling deities. It is especially important for newborns to ensure long-term health, success, and peace in family life.
🌺 How the Puja is Performed
The Gand Mool Nakshatra Shanti Puja is conducted by expert Vedic Pandits following ancient rituals.
The process includes:
1️⃣ Gauri Ganesh Puja for auspicious beginnings.
2️⃣ Navgraha Shanti to balance planetary energies.
3️⃣ Nakshatra Shanti Path & Havan for specific constellation pacification.
4️⃣ Purna Ahuti & Sankalpa with the child’s name and birth details.
5️⃣ Blessings and Prasad Distribution for divine protection.
All Vedic procedures are performed according to your birth chart (Janma Kundali) and Nakshatra details to ensure complete benefits.
💫 Key Benefits of Gand Mool Nakshatra Puja
✅ Removes negative effects of Gand Mool Dosha.
✅ Brings peace, prosperity, and emotional stability.
✅ Enhances luck and career success for the native.
✅ Improves relationships within the family.
✅ Protects from health issues and misfortunes.
✅ Balances planetary influences for lifelong growth.
🙏 Why Book With Pujadhaam.com
1️⃣ Certified & Experienced Pandits – Skilled in authentic Vedic rituals.
2️⃣ All Puja Samagri Included – No hidden cost, complete arrangement.
3️⃣ Personalized Sankalp – Based on your exact birth details.
4️⃣ Live Video Option – Attend the puja virtually from home.
5️⃣ Result-Oriented Rituals – Performed with full devotion and procedure.
🌼 Our Promise
At Pujadhaam.com, we ensure that every puja is conducted with utmost purity, precision, and devotion. Your faith and peace of mind are our top priorities. This Gand Mool Nakshatra Puja will help you or your child lead a harmonious, successful, and spiritually protected life. 🌿
🔔 Book Now & Experience Divine Transformation
Perform the Gand Mool Nakshatra Puja to remove the unfavorable influences of your birth star and invite the blessings of peace, prosperity, and positivity into your life.
✨ Book your online or offline puja today on Pujadhaam.com ✨
Book Satyanarayan Vrat Katha Puja Booking
गंड मूल नक्षत्र पूजा: अशुभ जन्म नक्षत्रों के दोष निवारण के लिए महत्वपूर्ण उपाय
गंड मूल नक्षत्र पूजा एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है, जो उन जातकों के लिए किया जाता है जिनका जन्म विशेष अशुभ नक्षत्रों में हुआ है, जिन्हें गंड मूल नक्षत्र कहा जाता है। इन नक्षत्रों में अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती आते हैं। माना जाता है कि इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के जीवन में शुरुआती काल में कठिनाइयां आती हैं, जो रिश्तों, स्वास्थ्य या करियर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इस पूजा के माध्यम से इन दोषों को शांत किया जा सकता है।
गंड मूल नक्षत्र पूजा क्यों करें? गंड मूल नक्षत्रों में जन्म लेने से जातक के जीवन में अशुभ ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है, जिससे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गंड मूल नक्षत्र पूजा इन दोषों को शांति प्रदान करती है और जातक के जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा लाती है। यह पूजा नकारात्मक प्रभावों को दूर करती है और जीवन पथ को अधिक सामंजस्यपूर्ण बनाती है, जिससे संभावित संकटों को टाला जा सकता है और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है।
गंड मूल नक्षत्र पूजा के प्रमुख लाभ:
गंड मूल नक्षत्रों के अशुभ प्रभावों को दूर करता है।
व्यक्ति और परिवार को शांति, सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करता है।
बेहतर स्वास्थ्य, सफलता और सौहार्दपूर्ण रिश्तों को बढ़ावा देता है।
व्यक्तिगत और वित्तीय बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
नवजात शिशु के जीवन और विकास पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों से रक्षा करता है।
मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्थिरता को बढ़ावा देता है।
कब करें गंड मूल नक्षत्र पूजा?
यह पूजा उन बच्चों के लिए विशेष रूप से की जाती है, जिनका जन्म गंड मूल नक्षत्रों में हुआ हो। इसे आमतौर पर जन्म के 27वें दिन या किसी अनुभवी ज्योतिषी के परामर्श के बाद किया जाता है। इसके अलावा, वयस्क व्यक्ति भी इस पूजा को कर सकते हैं यदि उन्हें अपने जन्म नक्षत्र के कारण जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो।
पूजा कैसे की जाती है?
गंड मूल नक्षत्र पूजा में विशेष मंत्रों का उच्चारण, हवन (अग्नि अनुष्ठान) और नक्षत्रों के अधिपति देवताओं की आराधना की जाती है। हमारे अनुभवी पंडित वैदिक विधि-विधान के अनुसार पूजा करते हैं, ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो और जातक के जीवन में शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिल सके।
ऑनलाइन गंड मूल नक्षत्र पूजा बुक करें अब आप अपने घर बैठे गंड मूल नक्षत्र पूजा को हमारी ऑनलाइन सेवा के माध्यम से आसानी से बुक कर सकते हैं। हमारे अनुभवी और योग्य पंडित आपकी ओर से सभी वैदिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा करेंगे। पूजा की सभी विधियों का ध्यान रखते हुए आपकी सुविधा के लिए लाइव स्ट्रीमिंग और प्रसाद की डिलीवरी भी उपलब्ध है।
सेवा में शामिल हैं:
- योग्य पंडितों द्वारा संपूर्ण वैदिक पूजा।
- सभी आवश्यक सामग्री (सामग्री) की व्यवस्था।
- जातक की कुंडली और नक्षत्र के अनुसार विशेष ध्यान।
- लाइव स्ट्रीमिंग सुविधा (वैकल्पिक)।
अभी बुक करें और गंड मूल नक्षत्र पूजा के दिव्य आशीर्वाद से अपने जीवन में शांति और सामंजस्य लाएं!
गंड मूल नक्षत्र पूजा: अशुभ नक्षत्रों के दोष निवारण के लिए महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठान
गंड मूल नक्षत्र पूजा उन व्यक्तियों के लिए की जाती है जिनका जन्म अशुभ माने जाने वाले गंड मूल नक्षत्रों में हुआ है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये नक्षत्र व्यक्ति के जीवन में प्रारंभिक समय में परेशानियों का कारण बन सकते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक कठिनाइयाँ, पारिवारिक कलह, या अन्य तरह के संकट। गंड मूल नक्षत्रों में शामिल हैं: अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल, और रेवती। इस पूजा से इन नक्षत्रों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मकता लाई जा सकती है।
गंड मूल नक्षत्र पूजा के लाभ:
1. दोष निवारण: गंड मूल नक्षत्रों के अशुभ प्रभावों को शांत करता है, जिससे व्यक्ति और परिवार पर आने वाले संकटों को दूर किया जा सकता है।
2. स्वास्थ्य में सुधार: इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, रोग और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
3. आर्थिक समृद्धि: पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है, धन के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
4. परिवारिक शांति: परिवार के सदस्यों के बीच कलह और असामंजस्य को समाप्त कर, शांति और सौहार्द को बढ़ावा मिलता है।
5. नवजात शिशु की सुरक्षा: यदि किसी नवजात शिशु का जन्म गंड मूल नक्षत्र में हुआ है, तो यह पूजा उसके जीवन की रक्षा करती है और जीवन में शुभता लाती है।
6. व्यावसायिक और व्यक्तिगत सफलता: नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को शांत करके व्यक्ति की व्यावसायिक और व्यक्तिगत सफलताओं में वृद्धि होती है।
7. जीवन में संतुलन: मानसिक, भावनात्मक, और आध्यात्मिक संतुलन को बनाए रखने में सहायता करता है, जिससे जीवन में स्थिरता आती है।
गंड मूल नक्षत्र पूजा की विधि:
गंड मूल नक्षत्र पूजा एक विस्तृत प्रक्रिया होती है, जिसमें विशिष्ट मंत्रों का जाप, हवन, और नक्षत्रों के स्वामी देवताओं का आह्वान किया जाता है। पूजा के दौरान देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान और विधान किये जाते हैं। इसे पूर्ण वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न किया जाता है।
पूजा सामग्री (समग्री):
पूजा में निम्नलिखित सामग्रियों का उपयोग किया जाता है:
1. कलश – अभिषेक और पूजा के लिए जल से भरा कलश।
2. पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद, और चीनी से तैयार पंचामृत।
3. फल और फूल – पूजा के लिए विभिन्न प्रकार के ताजे फल और फूल।
4. धूप, दीपक और अगरबत्ती – वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाने के लिए।
5. सिंदूर और चंदन – देवी-देवताओं की मूर्तियों पर लगाने के लिए।
6. नारियल – देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए।
7. कुशा और आसन – हवन के समय उपयोग किया जाता है।
8. हवन सामग्री – विशेष जड़ी-बूटियाँ, घी, लकड़ी, और अन्य वस्त्र जो हवन के दौरान अग्नि में डाले जाते हैं।
9. विशेष मंत्र और जप माला – विशेष रूप से तैयार की गई माला और वैदिक मंत्रों का उच्चारण।
10. कपूर – आरती के दौरान उपयोग के लिए।
11. आम की लकड़ी – हवन के लिए पवित्र आम की लकड़ी का उपयोग।
12. गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए।
पूजा की प्रक्रिया:
1. स्वस्तिवाचन: पूजा की शुरुआत में मंगलकामना और स्वस्तिवाचन मंत्रों का पाठ किया जाता है।
2. कलश स्थापना: पवित्र कलश की स्थापना और पंचदेवों (गणेश, विष्णु, शिव, दुर्गा, और सूर्य) का आह्वान।
3. गंड मूल नक्षत्र दोष निवारण मंत्र जाप: विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है जो गंड मूल नक्षत्र के प्रभाव को शांत करने में सहायक होते हैं।
4. हवन: अग्नि देवता को समर्पित हवन किया जाता है, जिसमें सभी पूजन सामग्री अग्नि में अर्पित की जाती है।
5. आरती और प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में देवी-देवताओं की आरती की जाती है और प्रसाद वितरित किया जाता है।
6. प्रसाद एवं आशीर्वाद: पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद और आशीर्वाद घर भेजा जाता है।
पूजा के बाद परिणाम:
गंड मूल नक्षत्र पूजा के बाद जातक के जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगते हैं। बाधाएँ कम होने लगती हैं और मन को शांति मिलती है। स्वास्थ्य, परिवार, और आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है, और जीवन की दिशा में सकारात्मकता का अनुभव होता है।
ऑनलाइन गंड मूल नक्षत्र पूजा बुकिंग:
अब आप घर बैठे इस महत्वपूर्ण पूजा को हमारे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से आसानी से बुक कर सकते हैं। हमारे अनुभवी और योग्य पंडित आपकी ओर से वैदिक विधि-विधान से पूजा संपन्न करेंगे। पूजा के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा भी उपलब्ध है, ताकि आप अपने घर से ही इस पवित्र अनुष्ठान को देख सकें। प्रसाद और आशीर्वाद आपको पूजा के बाद घर पर भेजा जाएगा।
यह भी पढ़े: क्षेत्रपाल भैरवाष्टक स्तोत्र लिरिक्स





Reviews
There are no reviews yet.